चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत अमेरिका से खरीदेगा 500 करोड़ का हथियार
केंद्र सरकार की तरफ से तीनों सेना को आपातकालीन स्थिति में बिना कैबिनेट के मंजूरी के हथियार खरीदने का अधिकार दिया गया है. इसके लिए सिर्फ वाइस चीफ की मंजूरी चाहिए होती है. यानी कि तीनों सेना अपनी जरूरत के मुताबिक 500 करोड़ रुपये तक के घातक हथियार खरीद सकती है.
चीन के साथ सीमा पर बढ़ते संघर्ष के बीच केंद्र सरकार ने तीनों सेनाओं को घातक हथियार और गोला-बारूद खरीदने के लिए 500 करोड़ रुपये के आपात फंड की मंजूरी दी है. इसके तहत भारत अमेरिका से M777 अल्ट्रा लाइट होवित्जर तोप के लिए एक्सकैलिबर ऐम्युनिशन खरीदेगा. ये सभी ऑर्डर केंद्र सरकार द्वारा सेना को दिए गए आपातकालीन वित्तीय शक्ति के अंतर्गत दिया गया है.
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बता दें, केंद्र सरकार की तरफ से तीनों सेना को आपातकालीन स्थिति में बिना कैबिनेट के मंजूरी के हथियार खरीदने का अधिकार दिया गया है. इसके लिए सिर्फ वाइस चीफ की मंजूरी चाहिए होती है. यानी कि तीनों सेना अपनी जरूरत के मुताबिक 500 करोड़ रुपये तक के घातक हथियार खरीद सकती है.
रक्षा सूत्रों ने आजतक से बात करते हुए कहा, 'हमलोग अमेरिका से और ज्यादा एक्सकैलिबर ऐम्युनिशन खरीदने वाले हैं.'
सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख इलाके में अपने जवानों को M777 अल्ट्रा लाइट होवित्जर तोप के साथ तैनात करना चाहती है. जिससे की सीमा पर चीन को करारा जवाब दिया जा सके. भारत ने बालाकोट ऑपरेशन के बाद मई-जून महीने में भी एक्सकैलिबर ऐम्युनिशन के ऑर्डर दिए थे. सेना के फास्ट ट्रैक प्रोसीजर के तहत इसका अधिग्रहण किया गया था.
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दरअसल एक्सकैलिबर ऐम्युनिशन की रेंज बाकी के हथियारों की तुलना में ज्यादा है. एक्सकैलिबर आर्टिलरी एम्युनिशन सटीक निशाना साधने और दुश्मन को तबाह करने में सक्षम है. ये बेहद घनी आबादी में भी दुश्मन के लक्ष्य को पूरी सटीकता से 50 किमी से ज्यादा दूरी से निशाना बना सकता है.
एक्सकैलिबर एम्युनिशन जीपीएस नेविगेशन सिस्टम और सैटेलाइट सिग्नल्स की मदद से अपने टारगेट को भेदने में सक्षम है. यह 155 एमएम आर्टिलरी गोला यानी एक्सकैलिबर एम्युनिशन 40-50 किलोमीटर के दायरे में अपने लक्ष्य को पहचानने और भेदने में सक्षम है.
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- भारत अमेरिका से खरीदेगा एक्सकैलिबर ऐम्युनिशन
- आपातकालीन वित्तीय शक्ति के अंतर्गत दिया गया ऑर्डर
चीन के साथ सीमा पर बढ़ते संघर्ष के बीच केंद्र सरकार ने तीनों सेनाओं को घातक हथियार और गोला-बारूद खरीदने के लिए 500 करोड़ रुपये के आपात फंड की मंजूरी दी है. इसके तहत भारत अमेरिका से M777 अल्ट्रा लाइट होवित्जर तोप के लिए एक्सकैलिबर ऐम्युनिशन खरीदेगा. ये सभी ऑर्डर केंद्र सरकार द्वारा सेना को दिए गए आपातकालीन वित्तीय शक्ति के अंतर्गत दिया गया है.
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बता दें, केंद्र सरकार की तरफ से तीनों सेना को आपातकालीन स्थिति में बिना कैबिनेट के मंजूरी के हथियार खरीदने का अधिकार दिया गया है. इसके लिए सिर्फ वाइस चीफ की मंजूरी चाहिए होती है. यानी कि तीनों सेना अपनी जरूरत के मुताबिक 500 करोड़ रुपये तक के घातक हथियार खरीद सकती है.
रक्षा सूत्रों ने आजतक से बात करते हुए कहा, 'हमलोग अमेरिका से और ज्यादा एक्सकैलिबर ऐम्युनिशन खरीदने वाले हैं.'
सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख इलाके में अपने जवानों को M777 अल्ट्रा लाइट होवित्जर तोप के साथ तैनात करना चाहती है. जिससे की सीमा पर चीन को करारा जवाब दिया जा सके. भारत ने बालाकोट ऑपरेशन के बाद मई-जून महीने में भी एक्सकैलिबर ऐम्युनिशन के ऑर्डर दिए थे. सेना के फास्ट ट्रैक प्रोसीजर के तहत इसका अधिग्रहण किया गया था.
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दरअसल एक्सकैलिबर ऐम्युनिशन की रेंज बाकी के हथियारों की तुलना में ज्यादा है. एक्सकैलिबर आर्टिलरी एम्युनिशन सटीक निशाना साधने और दुश्मन को तबाह करने में सक्षम है. ये बेहद घनी आबादी में भी दुश्मन के लक्ष्य को पूरी सटीकता से 50 किमी से ज्यादा दूरी से निशाना बना सकता है.
एक्सकैलिबर एम्युनिशन जीपीएस नेविगेशन सिस्टम और सैटेलाइट सिग्नल्स की मदद से अपने टारगेट को भेदने में सक्षम है. यह 155 एमएम आर्टिलरी गोला यानी एक्सकैलिबर एम्युनिशन 40-50 किलोमीटर के दायरे में अपने लक्ष्य को पहचानने और भेदने में सक्षम है.
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