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प्रवासी मजदूरों को कांग्रेस दिलाएगी 7000 रुपए की मदद, सरकार से करेंगे बातः अजय कुमार लल्लू

यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (Ajay Kumar Lallu) ने कहा कि वह गवर्नर से मिलेंगे और जेल में होने वाली मुलाकातों को फिर से शुरू करने की मांग करेंगे. साथ ही वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को भी पत्र लिखेंगे.


UP Congress President Ajay Kumar Lallu said Government was scared ...

यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (Ajay Kumar Lallu) जेल से रिहा हो गए हैं. जेल से रिहा होने के बाद News 18 को दिए इंटरव्यू में अजय कुमार लल्लू ने कहा है कि जेल में कैदी बहुत डिप्रेशन में हैं. घरवालों से न मिल पाने के कारण कैदियों की परेशानी काफी बढ़ी हुई है. अजय कुमार लल्लू ने कहा कि वह इस बाबत गवर्नर से मिलेंगे और जेल में होने वाली मुलाकातों को फिर से शुरू करने की मांग करेंगे. साथ ही वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को भी पत्र लिखकर इसकी मांग करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि अदालतों के बंद रहने से भी छोटी धाराओं में बंद कैदियों को लंबा इंतजार करना पड़ा है. इसके अलावा उन्होंने लॉकडाउन में घर लौटे प्रवासी मजदूरों को 7000 रुपए की आर्थिक मदद देने के मुद्दे पर भी बात की. उन्होंने कहा कि इसके लिए कांग्रेस अभियान चलाएगी.

सवाल- जेलों की स्थिति बहुत हद तक बाहर नहीं आ पाती है लेकिन आप इतने दिनों इस कोरोना संकट के बीच रहकर आए हैं. आपने क्या देखा?

जवाब- देखिए जिलों में पिछले 3 महीने से मुलाकात बंद है. इस नाते जेल का हर कैदी परेशान है. उनकी पैरवी हो रही है, नहीं हो रही है, उनके घरवाले कैसे हैं, इन सभी बातों को लेकर कैदी काफी चिंतित हैं. मुझे लगता है कि इस नाते बहुत सारी जेलों में बहुत सारी घटनाएं हुई हैं. रात-दिन ताला बंद रहना, उनका जो अधिकार है, उसका भी पालन न होना भी निश्चित रूप से एक बड़ा विषय है. सारे खेलकूद या दूसरे कार्यक्रम भी बंद हैं. इसकी वजह से और परेशानी है. मैं 27 दिन जेल रह कर आया हूं और कैदियों की पीड़ा को बहुत नजदीक से देखा है.

सवाल- क्या-क्या देखा आपने?



जवाब- उनकी सबसे बड़ी तकलीफ यह है कि उनके पास न तो मनोरंजन का कोई साधन है और न ही उनका दिमाग स्वस्थ रखने का कोई उपाय है. ऐसे सारे प्रबंध ठप हैं. सरकार को कैदियों से होने वाली मुलाकातों का कोई उपाय करना चाहिए.

सवाल- अदालतों के बंद रहने से कितना असर पड़ा है?

जवाब- कोर्ट बंद रहने से बहुत परेशानी हुई है. छोटी-छोटी धाराओं में कैदी 4-4 महीने से बंद है. सरकार को चाहिए कि इसके लिए कोई विशेष प्रयोजन बनाएं.

सवाल- मुलाकातें शुरू हो सकें इसके लिए आपकी तरफ से क्या पहल होगी?

जवाब- निश्चित रूप से मैं कोशिश करूंगा कि मुलाकातें जल्द से जल्द शुरू हो सके. कैदी अपने वकील और अपने घरवालों से मिल सकें, जिससे उनकी पैरवी ठीक से हो सके. इससे उनका स्ट्रेस भी कम होगा और मानसिक रूप से उनकी परेशानी भी कम होगी. इसके लिए मैं गवर्नर से जाकर मिलूंगा और सीएम योगी आदित्यनाथ को मुलाकातें जल्द शुरू करने के लिए पत्र भी लिखूंगा. जिससे बचाव के साथ मुलाकातों का कोई प्रबंध कर सकें.

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सवाल- जेल में कैदियों को इस कोरोना संकट में और क्या परेशानी झेलनी पड़ रही है?

जवाब - देखिए जेलों में कोरोना संकट के समय से पिछले 3 महीनों से मुलाकातें बंद होने के कारण उन तक कुछ जरूरी सामान भी नहीं पहुंच पा रहा है. खाने-पीने की चीजें, कपड़े और पैसे कैदियों को उनके घरवाले नहीं पहुंचा पा रहे हैं. थोड़े पैसे मिलने से जेल के अंदर की कैंटीन से वह से वह कुछ सामान खरीद सकते थे. इसके अलावा खाने-पीने का सामान का सामान मिलने से उनकी सेहत भी दुरुस्त रहती थी.

सवाल- कोरोना को लेकर कैदियों ने आपसे क्या जानना चाहा?

जवाब- कोरोना संकट के बारे में कैदियों को कुछ ज्यादा नहीं पता है क्योंकि जेलों में अखबार, मैगजीन और टीवी बंद है. मैं 11 लोगों के साथ एक साधारण बैरक में बंद में बंद था. वहां मौजूद सभी लोग मुझसे इस बीमारी के बारे में पूछ रहे थे. साथ ही यह भी जानना चाह रहे थे कि इसका इलाज अभी तक कुछ निकला या नहीं या नहीं.

सवाल- मजदूरों की घर वापसी के समय आप जेल में रहे. क्या लगता है कि अब मजदूरों को वापस उनके काम की जगह लौटना चाहिए क्योंकि उद्योग धंधे खुल गए हैं.

जवाब- देखिए मजदूरों में अभी डर बहुत व्याप्त है. बहुत तकलीफ उठाकर वह अपने अपने गांव लौटे हैं. वे इस बीमारी के कारण सहमे हुए हैं. हताश हैं. निराश हैं. महामारी पर अभी तक कोई नियंत्रण नहीं हो पाया है. इसीलिए सरकार को चाहिए कि मजदूरों के लिए नगद पैसे का इंतजाम करें. हमारे नेता राहुल गांधी ने ₹7000 मजदूरों को देने की मांग उठाई है. इससे मजदूरों का मनोबल बढ़ेगा.

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सवाल- मजदूरों के लिए योगी सरकार ने तमाम उद्योगपतियों से MOU किया है. इसके साथ ही मनरेगा में ज्यादा काम दिए जाने के लिए आदेश हुए हैं. क्या इससे उन्हें फायदा नहीं मिलेगा?

जवाब-  पिछले 3 साल से सरकार लगातार कहती रही है कि वह उत्तर प्रदेश में लोगों को रोजगार देगी लेकिन सारे दावे और प्रयास सिर्फ कागजी रहे रहे हैं. प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकारें रही तब हर जिले में अलग-अलग उद्योगों को काफी बढ़ावा मिला. जैसे अलीगढ़ में ताला उद्योग, मुरादाबाद में पीतल उद्योग, पूर्वांचल में बुनकरी का काम लेकिन योगी सरकार पिछले 3 सालों से सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी कर रही है. इस कोरोना संकट में भी आंकड़ों की बाजीगरी कम नहीं हुई है. हम अभियान चलाकर यह संघर्ष करते रहेंगे कि सरकार मजदूरों को ₹7000 नगद मदद दे.

सवाल- आप इतने दिनों तक जेल में रहे. ऐसे में केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश के नेताओं का कैसा साथ मिला?

जवाब- मेरे लिए सबसे भावुक पल वो था जब प्रियंका गांधी ने मेरे बारे में लेख लिखा. यह हमारे लिए बहुत प्रेरणादायक है और हर कार्यकर्ता का मनोबल बढ़ाने वाला है.

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